शनिवार, 22 अगस्त 2009
कविता--बच्चे नही जानते
बच्चे नही जानते
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दबे पाँव आना किसे कहते है
ये जानती है ---- बिल्ली
चौकन्नी - बिना आवाज किए
आपके पास आकर बैठ जाती है-- बिल्ली
बिल्ली धैर्य से प्रतीक्षा करती है
घर की स्त्री के चूक जाने की
झन्न -----न्न -----न्न ------न
कोई बरतन गिरता है रसोई घर में
स्त्री समझ जाती है
आज फिर जीत गई ------- बिल्ली
बच्चे खुश होते है
बिल्ली को देख कर
बच्चे नही जानते
उनका दूध पी जाती है-------बिल्ली
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सुंदर अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंBahut sundar.
जवाब देंहटाएंवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
झन्न ..न ...न , आपका एहसास इधर मीलों दूर बोल उठा :)
जवाब देंहटाएंBhut Hi Achaa.
जवाब देंहटाएंInteresting!
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