शनिवार, 26 दिसंबर 2009

कविता 
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अच्छा कवि
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मैंने कहा  वे एक बहुत अच्छे  आदमी है 
बहुत मिलनसार जिंदादिल 
गर्व उनको छू भी नहीं गया है
अपनों से  छोटों  से भी खुलापन  रखते है 
समय पर सुख दुःख में भी काम आते है 

उसने कहा हाँ होंगे 
क्या अच्छा आदमी होने से 
कोई अच्छा कवि भी हो जाता है 
बहुत घटिया कवितायेँ लिखते है वे 
हम उन्हें कवि नहीं मानते 

मैंने कहा वे एक बहुत अच्छे कवि है 
अध्यन भी खूब है उनका 
कभी हिंदी कविता की बात ही नहीं करते 
सभी पत्रिकाएं छापती है उनकी कवितायेँ 
कई पुरस्कार भी मिल चुके है उन्हें 

उसने कहा 
पुरस्कार मिलने से  कोई बड़ा कवि नहीं हो जाता 
विदेशी साहित्य  की चोरी करते है 
अच्छा कवि होने के लिए 
अच्छा  आदमी भी होना चाहिए  
बहुत घटिया आदमी है वे 
हम उन्हें  कवि नहीं मानते 

मैंने कहा वे एक  बहुत प्रतिष्ठित कवि है 
मानवीय गुन भी कूट कूट कर भरे है उनमे 
अपनी माटी की महक है उनकी कविताओं में 
लखटकिया पुरस्कार भी मिल चुका है 
नामवर आलोचक भी प्रशंसा  करते है उनकी 


उसने कहा  
सब जोड़ तोड़ और सम्बन्धों के सहारे किया है 
बड़े शातिर और हिसाबी आदमी है वे 
पूरा एक गुट है उनका 
जो एक दूसरे की प्रशंसा  करता  रहता है 


हम उन्हें कवि नहीं मानते 
वे हमारे गुट में नहीं है 
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सोमवार, 14 दिसंबर 2009

   
कविता 
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वह आदमी कुछ नहीं बोलता
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वह आदमी कुछ नहीं बोलता 
रहता है एक दम चुप 
सुनता है  सब की 
वह पैदा हुआ है केवल सुनने  के लिए 


सारे आदर्श ढोने है उसे 
देश  की    अखंडता  का भार है उस पर 
नैतिकता ढूंढी  जाती है उसमे 
ईमानदार  होना है केवल उसे 


अशिक्षित  और निरीह 
बने रहना  है  उसे 
ताकि देश के कर्णधार 
राजनीतिज्ञ ,पूंजीपति और विद्वान 
दिखा सके उसे राह 
वह पैदा हुआ है केवल राह देखने के लिए


धर्म और जातिवाद से ऊपर 
उठ कर जीना है उसे 
सामाजिक कुरूतियों से लड़ना है 
गर्व करना है अपनी भाषा पर 
देश की अस्मिता और संस्कृति को
बचाना है केवल उसे 
क्योंकि वह एक महान देश का 
आम नागरिक है.
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सोमवार, 7 दिसंबर 2009

कविता 
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बचा हुआ  स्वाद 
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जीभ का भूला हुआ स्वाद 
जीभ पर नहीं है 
सुरक्षित है मेरी स्मृति  में

न रोटियों में 
न दाल में 
न अचार  में 
बचा है स्वाद 
मेरी स्मृतियों  में 


बचाए रखना चाहता  हूँ 
थोड़ी सी महक 
थोड़ी सी गंध 
थोड़ी सी भूख 
थोड़ी सी प्यास 
अपनी स्मृतियों में


बचाए रखना चाहता हूँ 
खाली पेट देखे स्वप्न 
खट्टे मीठे फालसों 
काली जामुन और 
लाल बेर का रंग 
मुंह में आया पानी 
और बचा हुआ स्वाद 
अपनी स्मृतियों   में.
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