सोमवार, 17 अगस्त 2009

कविता ---- थोडी सी आदमियत


थोडी सी आदमीयत
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आदमी बाज़ार से
ले आया फल और सब्जियां
दे आया थोडी सी खुशियाँ

आदमी बाज़ार से
ले आया घी और तेल
दे आया थोड़ा सा स्वास्थ्य

आदमी बाज़ार से
ले आया रंगीन कपडे
दे आया थोड़ा सा नंगापन

आदमी बाज़ार से
ले आया गेहूं चावल और दाल
दे आया थोडी सी भूख

आदमी बाज़ार से
ले आया दवाईयां
दे आया थोड़ा सा जीवन

आदमी बाज़ार से
कुछ नहीं लाया
बचा लाया थोडी सी आदमीयत
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