सोमवार, 14 सितंबर 2009

बच्चा  हँसता  है  स्वप्नों  में 
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खिड़की  से आती  धूप  को 
बंद कर लेना चाहता मुट्ठी  में 

पापा  धूप पकड़ में क्यों  नहीं आती 
 पापा  हवा दिखाई क्यों  नहीं देती 
क्या पेड़ पर पत्तों  के हिलने से आती  हवा


बच्चे को गुस्सा आता है

पापा जवाब क्यों नहीं देते 
बच्चा पैर पटकता चला जाता है 
बाहर मैदान में 
पापा को कुछ नहीं आता 

बच्चा उड़ना  चाहता है 
चिडियों  की तरह 
बच्चा तैरना चाहता है 
मछलियों की तरह 
बच्चा पेड़ पर चढ़ना चाहता है 
गिलहरी  की तरह 

बच्चा सुनता  है कहानियां 
कभी आश्चर्य से 
फ़ैल जाती है उसकी आँखें 
कभी  भय से 
सिमट आता है पापा के पास 
कभी ख़ुशी से 
पीटता है तालियाँ 

बच्चा सवाली निगाहों से 
देखता है पापा को 
पर पूछता  कुछ  नहीं 
खुद ही डूब जाता है सवालों में 
और गढ़ता  है जवाब 

बच्चा सो जाता है 
पापा से चिपट  कर 

बच्चा  हँसता  स्वप्नों में 
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