ख़बर
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रोशनी के अंधेरे में
खो गए थे वे लोग
जो पहले से भी कहीं
अधिक अंधेरे में जी रहे थे
नष्ट कर दिए गए थे
उनके संगठन और कारखाने
दबा दी गई थी उनकी आवाज़
अब देश काकोई भी नेता
गरीबों के पक्ष में
एक नारा भी नहीं दे रहा था
ऐसे में एक मजदूर स्त्री ने
पति की दुर्घटना में मृत्यु के बाद
स्वीकार कर ली थी पराजय
जो उसकी नहीं
देश की पराजय थी
उसके पास अन्न खरीदने लिए
फूटी कौडी भी नहीं थी
कहाँ से एकत्रितकिए होंगें पैसे
बच्चों को कैसेदिला
होगा विश्वास
जो दलिया वे खा रहें है
उसमे जीवन नहीं विष है
निश्चिंत हो जाने के बाद
कि उन रूखे सूखे शरीरों में लिया
धड़कन भी शेष नहीं है
स्वयं ने भी
पी लिया होगा विष
संघर्ष तो किया होगा मृत्यु वरण से पहले
आंसू तो नहीं सूख गए होंगें
बच्चों को विष देने से पहले
राजनीती ,फ़िल्म,क्रिकेट
बाज़ार के समाचारों ,विज्ञापनों और
अभिनेत्रियों कि कामुक तस्वीरों से
बच्ची थोडी सी जगह में समाचार पत्रों था
तीन पंक्तियों में ये समाचार
एक मजदूर स्त्री ने
गरीबी से तंग आकर
तीन बच्चों सहित पी लिया विष
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गुरुवार, 25 जून 2009
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मर्म को छूती हुई बहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंआपके सरोकारों की यह स्पष्टता कायम रहे।
जवाब देंहटाएंरोशनी के अंधेरों के खिलाफ़।
एक बेहतर रचना...
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं...
बहुत ह्रदय स्पर्शी रचना !
जवाब देंहटाएंकृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
bahut dardnaak manjar ankho me aaya ..asardaar raha
जवाब देंहटाएंbahut bhavuk rachana .blog pe swagat hai .umda .
जवाब देंहटाएंऐसा तो रोज हर पल होता है और हर पल मानवता हारती है ।
जवाब देंहटाएंisi ko bazarvad kahate hain.narayan narayan
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा!
जवाब देंहटाएंroshni ke andhere me kho chuke logon ke maadhyam se aapne jis prakaar is rachnaa ka srijan kiya hai vah mujhe bheetar tak bhigo gaya hai
जवाब देंहटाएं...........aap kamaal mhain
___________aapki kavita kamaal hai
badhaai..lakh laakh badhaai !
बहुत बढिया!!
जवाब देंहटाएंधन्यबाद ऐसी रचना के लिए
जवाब देंहटाएं... नमामि त्वं !
ek aisi kawita jo aatma jhakjhor diya ............pida bhar di .......ek behad samwedanshil kawita.......
जवाब देंहटाएंnamaskar
जवाब देंहटाएंaapne achi kavita likhi hai ...bhaavo ki sahi abhivyakti hai ..bahut hi sochniya vichaar hai desh ki aaj ki stithi ke baare men ..antim lines to wakai dahla deni waali hai
meri badhai sweekar kare...
dhanywad..
pls visit my blog " poemsofvijay.blogspot.com " aur meri kavitao par kuch kahiyenga , specially "tera chale jaana " aur " aao Sajan " par .. mujhe khushi hongi ..
dhanyawad..
हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
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