शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014

आकस्मिक

कविता 
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आकस्मिक
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कुछ भी  हो सकता है 
आकस्मिक 

अपेक्षा  रखते  है 
जिसके के  होने  की 
वह  नहीं होता

योजना  बना कर 
जो  करते  है 
वह भी अक्सर  नहीं होता 

कुछ चीजें  होती है 
जो हम मान कर  चलते  है 
समय  पर नहीं होती 
किन्तु-
आकस्मिक  भी नहीं होती 

कुछ घटनाओं का होना 
निश्चित नहीं होता 
वे होती है आकस्मिक 
जैसे प्रेम 

कुछ  चीजों  का होना 
अपेक्षित नहीं होता 
वे होती है आकस्मिक 
जैसे विश्वासघात 
जैसे  हृदयाघात 

निश्चित होता है 
जिसका  होना 
वह भी होती है आकस्मिक 
जैसे मृत्यु 
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