कविता
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युद्ध
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सब कुछ बुध्दी और तर्क से
ही तय नहीं होता
हथियारों से लड़े युध्द
ख़त्म हो जाते है एक दिन
बुध्दी और तर्क से लड़े युध्द
कभी ख़त्म नहीं होते
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[' रचना -समय ' के कविता- विशेषांक में प्रकाशित]
♥
जवाब देंहटाएंआदरणीय क्षितिज जी
सादर अभिवादन !
सही है -
बुद्धि और तर्क से लड़े युद्ध
कभी ख़त्म नहीं होते
सार्थक कविता है …
यहां आपकी कुछ अन्य रचनाएं भी पढ़ीं … अच्छी लगीं ।
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
beahtareen kavita.....
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