कविता
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नीला
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मुझे नीला रंग
पहले भी अच्छा लगता था
आज भी मुझे नीला रंग
आकर्षित करता है
इसलिए नहीं कि
आकाश का रंग नीला होता है
इसलिए भी नहीं कि
झील का पानी नीला दीखता है
इसलिए तो बिलकुल नहीं कि
मुझे नीली आँखों से प्रेम है
मुझे नीला रंग इसलिए पसंद है
मैं पहले भी उदास रहता था
आज भी उदास रहता हूँ
और इसलिए भी कि
रक्त का रंग नीला नहीं होता
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( " परिकथा " मई - जून' 2017 में प्रकाशित )
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