कविता
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सत्य का चेहरा
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सत्य का एक चेहरा होता है
रंगहीन भी नहीं होता सत्य
लेकिन झूठ की तरह हर कहीं
नहीं पाया जाता
न ही झूठ में घुल पता है सत्य
अगर होता है कहीं .
अलग से दिव्य आलोक लिए
दमकता रहता है सत्य
कुछ लोग निरन्तर
सत्य की खोज में
भटक रहे हैं आज भी
जबकि कुछ लोग दावा कर रहे हैं
उन्होंने खोज लिया है सत्य
जिसे वे सत्य कह रहे हैं
हजार बार बोला गया झूठ है
रगड़ रगड़ कर पैदा की गई चमक है
वे आनंदित प्रमुदित हैं अपनी खोज पर
उन्होंने पा लिया है सत्य का रहस्य
हे ईश्वर
उन्हें बता कि सत्य क्या है.
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सत्य का चेहरा
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सत्य का एक चेहरा होता है
रंगहीन भी नहीं होता सत्य
लेकिन झूठ की तरह हर कहीं
नहीं पाया जाता
न ही झूठ में घुल पता है सत्य
अगर होता है कहीं .
अलग से दिव्य आलोक लिए
दमकता रहता है सत्य
कुछ लोग निरन्तर
सत्य की खोज में
भटक रहे हैं आज भी
जबकि कुछ लोग दावा कर रहे हैं
उन्होंने खोज लिया है सत्य
जिसे वे सत्य कह रहे हैं
हजार बार बोला गया झूठ है
रगड़ रगड़ कर पैदा की गई चमक है
वे आनंदित प्रमुदित हैं अपनी खोज पर
उन्होंने पा लिया है सत्य का रहस्य
हे ईश्वर
उन्हें बता कि सत्य क्या है.
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